शुक्रवार, अगस्त 19, 2011

देश हमारा भगवान है..........

























माटी कुमकुम पानी अमृत पवन जहाँ का प्राण है,
ऐसा देश हमारा जिसके कण कण मे भगवान है।
ऋषियों की पावन धरती रचे जहाँ वेद पुराण,
व्यास वेद ने दिया जहाँ से अखिल विश्व को गीता ज्ञान।
राम यहाँ का नाम है ऐसा डाकू भी बन जाते संत,
नारी की झिड़की को सुनकर दीवाने पाते सत्पंथ
कालिदास ,तुलसी ,सुर की ऐसी ही पहचान है
ऐसा देश हमारा जिसके कण कण मे भगवान है।

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