परिंदे थक गए उड़ते उड़ते ,
बहुत कुछ आसमान बाकी है !
तेरी साँसों में जिंदगी है बहुत ,
मेरी साँसों में जान बाकी है !
इश्क पे कोई जोर चलता नहीं ,
वरना दोनों जहान बाकी है !
किसी साहिल पे पाँव मत रखना ,
डूबने के लिए ये काफी है !
रोशनी को बुला के क्या होगा ,
अभी अँधेरे की शान बाकी है !
सौ सवालों में घिरेंगे अक्सर ,
जिनमे इज्जत - ईमान बाकी है !
शिखर पे आ गए बदल कितने ,
अभी धरती की शान बाकी है !
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