सोमवार, सितंबर 05, 2011

जीने के चार महान तरीके.............




















तेरे इस  दुनिया  में ये   मंजर  क्यूँ  है  ??
कहीं  ज़ख़्म  तो  कही  पीठ  में  खंजर  क्यों  है 
सुना  है  तू  हर  ज़र्रे  में  रहता  है 
तो  फिर  ज़मी   पर  कही  मस्जिद  कही  मंदिर  क्यूँ  है 
जब  रहने  वाले  इस  दुनिया  के  हैं  तेरे  ही  बन्दे
तो  फिर  कोई  किसी  का  दोस्त  और  कोई  दुश्मन  क्यूँ  है  ?
तू  ही  लिखता  है  सब  लोगों  का  मुकद्दर 
तो  फिर  कोई  बदनसीब  और 
कोई  मुक़द्दर  का  सिकंदर  क्यूँ  है 
जीने के चार महान तरीके : -
1. पीछे देखो और भगवान को धन्यवाद दो !
2. आगे देखों और भगवान पर भरोसा रखो !
3. चारों ओर देखो और भगवान में विश्वास रखो !
4. अंदर देखो और भगवान को खोजो !

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