सोमवार, अक्तूबर 31, 2011

ब्रूस ली उवाच ............































Q - सबसे  ऊँचे दर्जे की तकनीक कौन सी है ?
Ans -ऐसी कोई तकनीक ही नहीं है .
Q -क्या ख्याल आते है ? जब सामने दुश्मन होता है .
Ans -कोई दुश्मन नहीं होता
Q -क्यों ?
Ans -क्योंकि "मै" नाम का कोई लब्ज नहीं होता ....एक अच्छा मुकाबला होना चाहिए किसी नाटक की तरह ,पर संजीदगी से खेला हुआ ,एक अच्छा मार्शल आर्टिस्ट बेचैन नहीं होता ,तैयार रहता है,और जो करता है वो सोच समझ कर करता है हरदम चौकने रहता है.जब विरोधी फैलता है तो "मै" सिकुड़ जाता है ,और जब वो सिकुड़ता है तो "मै" फ़ैल जाता है और जब मौका मिलता है तो "मै" बार नहीं करता ये शरीर के अंग खुद ब खुद वार कर देते है और ये हमेशा याद रखना की दुश्मन सिर्फ छलावा दिखाता है,मायाजाल बिछाता है ,जिसके पीछे वो अपना असली मकसद छिपाता है,मायाजाल मिटा दो दुश्मन मिट जायेगा ..........
विशेष :-एक अच्छे मार्शल आर्टिस्ट को अपनी जिम्मेदारियाँ खुद निभानी चाहिए ,और अपने किये का फल हमेशा स्वीकार करना चाहिए    

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