कौऐ का एक एक पूरा काला पंख कही से मिल जाए जो
अपने आप ही निकला हो उसे “ॐ काकभूशुंडी नमः सर्वजन
मोहय मोहय वश्य वश्य कुरु कुरु स्वाहा”इस
मंत्र को बोलते
जाए और पंख पर फूंक लगाते जाए, इस प्रकार १०८ बार करे.
फिर
उस पंख को आग लगा कर भस्म कर दे. उस भस्म को
अपने सामने रख कर लोबान
धुप दे और फिर से १०८ बाद
बिना किसी माला के अपने सामने रख कर दक्षिण दिशा
की
और मुख कर जाप करे. इस भस्म का तिलक ७ दिन तक करे.
तिलक करते समय भी
मंत्र को ७ बार बोले. ऐसा करने पर सर्व
जन साधक से मोहित होते है
"मोर के पंख को घर के मंदिर मे रखने से समृद्धि की वृद्धि होती है"
अनुभूत लिखकर आपने मेरी प्रसन्नता बढा दी ।
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