गुरुवार, फ़रवरी 09, 2012

स्वस्थ व्यक्ति की दिनचर्या..........

















स्वस्थ व्यक्ति की दिनचर्या के अंतर्गत आज हम अन्य बिंदुओं पर प्रकाश डालेंगे :-

निद्रा --भगवान ने प्रकृति को कुछ ऐसे नियमों में बाँधा है की मनुष्येतर प्राणी पशु ,पक्षी सायंकाल होने पर अपने अपने ठिकानों पर चले जाते हैं |ये अभागा मनुष्य ही उल्लू की तरह रात भर जागता है और ब्रह्म्बेला का आनंद लिए बिना पड़ा रहता है |
स्वस्थ व्यक्ति को 5-6 घंटे की नींद पर्याप्त है |बच्चों और वृद्ध लोगों को कम से कम 8 घंटे सोना चाहिए |

1-अगर रात में नींद नहीं आ रही हो ,धरती माँ के पैर छुएं और सीधे लेटकर 100 से 1 तक उलटी गिनती मन ही मन में ओम के साथ करें धीरे -धीरे नींद आ जायेगी |

2-ब्रह्मचर्य--अपनी इन्द्रियों एवं मन को विषयों से हटाकर ईश्वर एवं परोपकार में लगाने का नाम ब्रह्मचर्य है |केवल उपस्थ इन्द्रिय का संयम -मात्र ही ब्रह्मचर्य नहीं है |

3--स्नान --रोगी को छोड़ कर सामान्य व्यक्ति को ठन्डे पानी से स्नान करना चाहिए |गर्म पानी से स्नान करने पर मन्दाग्नि एवं दृष्टि दुर्बलता इत्यादि रोग हो जाते हैं |असमय में ही बाल सफ़ेद होने एवं गिरने लगते हैं |
स्नान के बाद शरीर को खादी के तौलिए से रगड़ केपोंछना चाहिए |यदि कब्ज है पेट को रगड़ कर पोंछना चाहिए |

4-व्यायाम --बिना व्यायाम के शरीर अस्वस्थ तथा ओज -कांतिहीन हो जाता है |जबकि नियमित रूप से वायाम करने से दुर्बल ,रोगी एवं कुरूप व्यक्ति भी बलवान स्वस्थ एवं सुन्दर हो जाता है |

ह्रदय रोग ,मधुमेह मोटापा ,वातरोग ,बवासीर गैस ,रक्तचाप ,मानसिक तनाव आदि का भी मुख्य कारण शारीरिक श्रम का अभाव है |इनमे आसान -प्राणायाम सर्वोत्तम है |इससे शरीर के साथ मन में एकाग्रता एवं शान्ति का विकास होता है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें