सुने
हुए शब्दों का स्मरण करने के लिये यह अभ्यास
अच्छा है कि किसी मेले आदि
ऐसी जगह में जावें,
जहाँ शोरगुल हो रहा हो और अनेक प्रकार की आवाजें
आ रही
हों। इन आवाजों में से किसी एक प्रकार के शब्द
पर अपना ध्यान जमाइए, जैसे
तांगा चलने की खड़-खड़
के ऊपर चित्त को केंद्रित करके उन्हीं का शब्द
सुनिये और
इससे उनकी दूरी, तेजी, संख्या, पहिये आदि के बारे में
अनुमान
लगाइये। अन्य प्रकार के शब्दों पर से मन को
रोक कर तांगो की खड़खड़ पर ही
मन लगाना चाहिए।
इसी तरह ग्रामोफोन के रिकार्डों या किसी बातचीत को
शोरगुल
के बीच में ठीक प्रकार सुनने का प्रयत्न कीजिए।
बड़े-बड़े वाक्यों को सुनकर
उन्हें लिखिए। इस प्रकार के
अभ्यासों से कर्णेद्रिय की सहायता से स्मरण
शक्ति बढ़ाई
जा सकती है।
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