सुख को भोगो दुःख को समझो परमात्मा दूर नहीं है फिर ....
सुख को जिओ दुःख को पहचानो मोक्ष दूर नहीं है फिर ......
सुख को पहचानो... पहचानते -पहचानते महासुख हो जायेगा ....
दुःख को पहचानते -पहचानते दुःख के कारण तिरोहित हो जायेगा उस घडी को ही
सच्चिदानंद कहा गया है .
ye mere purw janm ke diye gaye updesho me se liya gaya hai''
जवाब देंहटाएं